*अमेरिकी फसल उगाने वाले किसान से मिले समाजसेवी दिनेश चौधरी*
*प्रभुलाल धनगर बने किसानों मार्गदर्शन
*मेहनत वह लगन से बदली गांव की तस्वीर
मंदसौर =मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती बैलों के गले में जब घुंघरू जीवन का राग सुनाते हैं यह देश भक्ति की मिशाल कायम करने वाले गांव कनावटी जिला नीमच के प्रभुलाल धनगर ने उन्नत कृषि कर गांव की तस्वीर वह तकदीर बदल दीl
जिला धनगर गायरी समाज के उपाध्यक्ष एवं समाजसेवी दिनेश चौधरी गत रविवार को नीमच में प्रभुलाल जी धनगर से मिले मिलकर क्यूनोवा की फसल की जानकारी ली सबसे हाई क्लास रेस्तरां में चाव से खाए जाने वाले व्यंजनों की मूल क्यूनोवा फसल को उगाने वाले किसान प्रभुलाल धनगर से फसल के बारे में विस्तृत रूप से समाजसेवी दिनेश चौधरी ने जानकारी प्राप्त की उन्होंने बताया कि क्यूनोवा ऐसी खाद्य वनस्पति है जो विदेशों के बड़े रेस्तरां में मांग पर उपलब्ध होती है इसकी विशेषता यह है कि यह अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में सबसे अधिक प्रोटीन विटामिन और पौष्टिक तत्व 20 से 40 गुना अधिक होते हैं उन्होंने आगे बताया कि क्यूनोवा फसल उत्पादन लागत और बाजार के बारे में आगे बताया कि क्यूनौवा फसल की बढ़वार बहुत अच्छी है उत्पादन तीन से चार कुंटल बीघा तक होता है इसे चावल की तरह पका कर खा सकते हैं यह 100 से लगाकर ₹101 प्रति किलो बिकता है ।
प्रभुलाल धनगर कृषि के क्षेत्र में एक विशेष अनूठा प्रयोग करते हुए उन्होंने छत पर एंजेला की खेती भी की है जो पशुओं के आहार के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली खली का नया स्वरूप एंजेला का मालवा अंचल में नया प्रयोग श्री प्रभुलाल धनगर के माध्यम से किया गया है जैसे ही उक्त प्रयोग का क्षेत्र के लोगों में जानकारी मिली तो अनेक दूर-दूर के लोग श्री प्रभुलाल धनगर से मिलने के लिए आते हैं और फसल की जानकारी लेते हैं इसके साथ ही प्रभुलाल धनगर अपने खेत पर जैविक उत्पादन को बढ़ावा देने की हर संभव कोशिश करते हैं ।
और विदेशों में जैविक उत्पादन भेज सकते हैं ऐसे इनके द्वारा जैविक उत्पादन के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है और इनके साथ रेशमी मशरूम की खेती की जा रही है जिसकी भी अच्छी लागत के रूप में उनको आमदनी मिल रही है हल्दी व मधुमक्खी का पालन करने तैयार की जा रही है जिसकी भी बिक्री लगातार बढ़ रही है ।
प्रभुलाल जी धनगर को मिले कहीं सम्मान
छोटे से गांव में एक मध्यम परिवार में प्रभुलाल जी धनगर का जन्म हुआ और अति गरीबी देखकर उन्होंने काफी कष्ट उठा कर शिक्षित बने उनका शुरू से ही कृषि के क्षेत्र में काफी रुचि रही है ।वे सदैव दूसरों से जानकारी प्राप्त कर सम्मेलनों में जाकर तथा कृषि विभाग के अधिकारियों से मिलकर कृषि के क्षेत्र में नित्य जानकारी लेकर उसका अनूठा प्रयोग अपने खेत पर करने की कोशिश की जिसका उन्हें सर्वोत्तम फल मिला है और वह आज काफी खुश है उन्हें कहीं देश प्रदेश व जिला स्तर पर कई पुरस्कार उन्हें मिले हैं वह साथ ही कृषि अनुसंधान केंद्र कोटा से आत्म सम्मान भी उन्हें मिला है। तथा वह विगत दिनों मुख्यमंत्री के हाथों से भी सम्मानित हो चुके हैं ।जो धनगर गायरी समाज के लिए गौरव की बात है।
दिनेश चौधरी एडवोकेट
9893322117
*प्रभुलाल धनगर बने किसानों मार्गदर्शन
*मेहनत वह लगन से बदली गांव की तस्वीर
मंदसौर =मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती बैलों के गले में जब घुंघरू जीवन का राग सुनाते हैं यह देश भक्ति की मिशाल कायम करने वाले गांव कनावटी जिला नीमच के प्रभुलाल धनगर ने उन्नत कृषि कर गांव की तस्वीर वह तकदीर बदल दीl
जिला धनगर गायरी समाज के उपाध्यक्ष एवं समाजसेवी दिनेश चौधरी गत रविवार को नीमच में प्रभुलाल जी धनगर से मिले मिलकर क्यूनोवा की फसल की जानकारी ली सबसे हाई क्लास रेस्तरां में चाव से खाए जाने वाले व्यंजनों की मूल क्यूनोवा फसल को उगाने वाले किसान प्रभुलाल धनगर से फसल के बारे में विस्तृत रूप से समाजसेवी दिनेश चौधरी ने जानकारी प्राप्त की उन्होंने बताया कि क्यूनोवा ऐसी खाद्य वनस्पति है जो विदेशों के बड़े रेस्तरां में मांग पर उपलब्ध होती है इसकी विशेषता यह है कि यह अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में सबसे अधिक प्रोटीन विटामिन और पौष्टिक तत्व 20 से 40 गुना अधिक होते हैं उन्होंने आगे बताया कि क्यूनोवा फसल उत्पादन लागत और बाजार के बारे में आगे बताया कि क्यूनौवा फसल की बढ़वार बहुत अच्छी है उत्पादन तीन से चार कुंटल बीघा तक होता है इसे चावल की तरह पका कर खा सकते हैं यह 100 से लगाकर ₹101 प्रति किलो बिकता है ।
प्रभुलाल धनगर कृषि के क्षेत्र में एक विशेष अनूठा प्रयोग करते हुए उन्होंने छत पर एंजेला की खेती भी की है जो पशुओं के आहार के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली खली का नया स्वरूप एंजेला का मालवा अंचल में नया प्रयोग श्री प्रभुलाल धनगर के माध्यम से किया गया है जैसे ही उक्त प्रयोग का क्षेत्र के लोगों में जानकारी मिली तो अनेक दूर-दूर के लोग श्री प्रभुलाल धनगर से मिलने के लिए आते हैं और फसल की जानकारी लेते हैं इसके साथ ही प्रभुलाल धनगर अपने खेत पर जैविक उत्पादन को बढ़ावा देने की हर संभव कोशिश करते हैं ।
और विदेशों में जैविक उत्पादन भेज सकते हैं ऐसे इनके द्वारा जैविक उत्पादन के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है और इनके साथ रेशमी मशरूम की खेती की जा रही है जिसकी भी अच्छी लागत के रूप में उनको आमदनी मिल रही है हल्दी व मधुमक्खी का पालन करने तैयार की जा रही है जिसकी भी बिक्री लगातार बढ़ रही है ।
प्रभुलाल जी धनगर को मिले कहीं सम्मान
छोटे से गांव में एक मध्यम परिवार में प्रभुलाल जी धनगर का जन्म हुआ और अति गरीबी देखकर उन्होंने काफी कष्ट उठा कर शिक्षित बने उनका शुरू से ही कृषि के क्षेत्र में काफी रुचि रही है ।वे सदैव दूसरों से जानकारी प्राप्त कर सम्मेलनों में जाकर तथा कृषि विभाग के अधिकारियों से मिलकर कृषि के क्षेत्र में नित्य जानकारी लेकर उसका अनूठा प्रयोग अपने खेत पर करने की कोशिश की जिसका उन्हें सर्वोत्तम फल मिला है और वह आज काफी खुश है उन्हें कहीं देश प्रदेश व जिला स्तर पर कई पुरस्कार उन्हें मिले हैं वह साथ ही कृषि अनुसंधान केंद्र कोटा से आत्म सम्मान भी उन्हें मिला है। तथा वह विगत दिनों मुख्यमंत्री के हाथों से भी सम्मानित हो चुके हैं ।जो धनगर गायरी समाज के लिए गौरव की बात है।
दिनेश चौधरी एडवोकेट
9893322117
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